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।। *****चतुर्थ विशाल मकरैणी/उत्तरैणी स्नान मेला ***** ।।
15 जनवरी 2016 को सूर यमुना घाट वजीरावाद दिल्ली
श्री गुरुमाणिकनाथ धाम उत्तराखंड के तत्वाधान में 15 जनवरी 2016 को सुबह 4 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक सूर यमुना घाट, वजीराबाद, दिल्ली में **चतुर्थ** विशाल मकरैणी/उत्तरैणी स्नान मेले का आयोजन किया जा रहा है। उत्तराखंड के इस पवित्र पर्व में पुण्य स्नान हेतु आप सभी भक्तों सामाजिक संस्थाओं के महानुभावो को आमंत्रित किया गया है। जिसमें उत्तराखंड की लोक-संस्कृति, भाषा-बोली, रीति-रिवाज, खान-पान और रहन-सहन आदि परंपराओं से युवा पीढ़ी को परिचित कराने के लिए श्रीमाणिकनाथ धाम उत्तराखंड प्रतिबद्ध है। मकर संक्रांति के पौराणिक पर्व पर श्रीमाणिकनाथधाम यह सुनिश्चित करता है कि उत्तराखंडी दिल्लीवासी युवा अपनी विशुद्व मैति संस्कृति को अपनाएं।मकरैणी/उतरैणी स्नान मेला कार्यक्रम इस प्रकार है -
14 जनवरी रात 11 बजे से उत्तराखंडी ढोल, दमऊं, मस्क-बीन, रणसींग, संग-जागरण तथा उत्तराखंडी कीर्तन होगा। साथ ही निवेदन किया जाता है कि केवल वे ही पुरुष भक्त 14 जनवरी रात्रि 11 बजे जागरण हेतु पधारें, जिन्होंने कम से कम दो दिन पूर्व से लहसुन-प्याज़, मांस-मदिरा और लोभवासना का त्याग किया हुआ हो|
15 जनवरी सुबह 4 बजे से श्री माणिकनाथ जी की नवद, सभी उत्तराखंडी देवताओं की धुंयाल एवं स्नान प्रारंभ।
सुबह 6 बजे से हवन और श्री माणिकनाथ जी को रोट-भोग, खिचड़ीप्रसाद भण्डारा ।
सुबह 7 बजे से प्रत्येक कीर्तन मंडली द्वारा उत्तराखंडी कीर्तन,मांगल, संस्कार गीत, थड्या गीत और खुदेण गीतों की प्रस्तुति।
देवलसारी कैटर्स निर्मित उत्तराखंडी कौदा और झंगोरा डिश एवं भंडारा वितरण।
दोपहर 12 बजे श्री माणिकनाथ जी की आरती, पूर्णाहुति के बाद समापन|
इस कार्यक्रम के अवसर पर मंच की व्यवस्था केवल महिला कीर्तन मंडलियों के लिए ही की गई है। इस दिन मंच से विशिष्ट व्यक्तियों का परिचय होगा, आप सभी आमंत्रित महानुभावो एवं उत्तरैणी सहयोगियों से निवेदन है कि माला और माइक की अपेक्षा न रखें। उत्तराखण्ड के सभी पौराणिक लोक संस्कृति रीति रिवाजों की झलक *अरजुन सेमल्याट* उत्तराखंड की टीम करेगी । अतः अपनी विलुप्त होती उत्तराखण्ड की संस्कृति की रक्षा करने के लिए सपरिवार समय से जरूर पधारे।
***जय जय श्रीमाणिकनाथ धाम एकदिन उत्तराखण्ड के नाम***
**धन्यवाद**
**लखपत सिहं भण्डारीनेगी**
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